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निजामाबाद तहसील में प्राइवेट कर्मचारियों को हर टेबल पर रखकर रुपए की वसूली करवाया जाता हैं।

आजमगढ निजामाबाद तहसील में प्राइवेट कर्मचारियों को हर टेबल पर रखकर रुपए की वसूली करवाया जाता हैं। शासन के आदेश था कि प्राइवेट कर्मचारियों से काम नहीं कराया जाएगा। कुछ दिनों तक विभाग द्वारा तहसीलों से लेकर अन्य संस्थाओं पर जांच पड़ताल जारी किया लेकिन कुछ दिनों के बाद मामला जस का तस हों गया फिर प्राइवेट कर्मचारी को तहसीलों में रखकर काम करा रहे हैं और
फरियादों से मनमानी वसूली कर रहे है

एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक प्राइवेट कर्मचारी फरियादी से धड़ल्ले से रुपया लेते हुए दिखाई दे रहा है।
वीडियो कि जब पड़ताल की गई तो पता चला कि यह वीडियो निजामाबाद तहसील का है जिसमें एक प्राइवेट व्यक्त खुलेआम फरियादी के प्रार्थना पत्र पर उप जिला अधिकारी निजामाबाद से आदेश करने के नाम पर रुपए की वसूली कर रहा है।
जब टीम द्वारा गहनता से जांच की तो पता चला कि निजामाबाद तहसील के उप जिला अधिकारी अतुल कुमार गुप्ता के स्टोनो कक्ष का विडियो है ।जिसमें स्टोनों के रूप में आदित्य नाम का कर्मचारी काम करता है स्टोनो कक्ष का मामला इस समय सुर्खियों में है यहां पर एक प्राइवेट कर्मचारी रुपए की वसूली करते हुए स्टोनो कक्ष में बैठा हुआ है फरियादी प्रार्थना पत्र लेकर जाता है तो प्राइवेट व्यक्ति उससे पहले पूछता है क्या करना है आदेश के नाम पर रुपए की मांग करता है फरियादी₹100 का नोट देता है लेकिन प्राइवेट कर्मचारी लेने से इंकार कर देता है। फरियादी के सिफारिश पर₹100 पर मान जाता है।
क्योंकि उसे और भी रुपए चाहिए था। स्टोनो कक्ष में बैठा व्यक्ति यह कहता दिखाई दे रहा है की सुबह से शाम हो गई है अभी तक बोहनी तक नहीं हुई है। कक्ष में बैठे व्यक्ति के बातों से लग रहा है कि वह प्रतिदिन स्टोन कक्ष में बैठकर इसी तरह से वसूली करता है और उसे पर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं है।
इस मामले से साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं सबकी मिली भगत से या वसूली कराई जा रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि उप जिला अधिकारी के स्टोनों कक्ष में रुपए की वसूली हो रही है लेकिन उप जिला अधिकारी को इस बात की भनक तक नहीं है।

विजय नाम का प्राइवेट कर्मचारी स्टोनो कक्ष में बैठकर अवैध वसूली कर रहा है जो की वीडियो में देखा जा सकता है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उप जिलाधिकारी अतुल गुप्ता से सीधे फरियादी नहीं मिल पाते उनका कोई भी प्रार्थना पत्र होता है पहले स्टोनो कक्ष में जमा होता है। प्रार्थना पत्र जमा होने के बाद फरियादियों से आदेश करवाने के नाम पर अवैध रूप से वसूली हो की जाती है
उसके बाद एक या दो दिन में प्रार्थना पत्र पर आदेश हों पाता है इतना ही नहीं तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार अन्य टेबलों पर भी है। अनस्टेबलों पर आज भी प्राइवेट कर्मचारियों के द्वारा काम कराया जाता है और फरियादियों से अवैध वसूली करवाई जाती है।
बिना वसूली किए फरियादों की समस्याओं का निवारण नहीं होता।

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